मुझे शिकवा मेरे देश से नाही है,
वो तो देशवासियोन्से है.
उनकी जाती धर्म से नाही तो,
उनके बर्ताव और नासमझदारीसे है.
उनकी पैसोकी आमिरी से नाही,
तो उनकी दिल की गरिबीसे है.
उनकी जगह या मुल्क से नाही,
तो उनके देश के प्रती अनादर से है.
मुझे फक्र है स्वातंत्रसेनानियोन्पे,
जिन्होने देश के लिये जान कुर्बान की,
मुझे नाझ है उन जावानोंपे
जिन्होने भारत मा को जान नजर की.
मुझे आदर है हर उस इन्सान का,
जो राष्ट्रगीत और ध्वज का सम्मान करता है.
मुझे नाझ है हर उस व्यक्ती पे,
जो मेरे देश का नाम रोशन करता है.
मुझे प्यार है उस छोटे बच्चे से,
जो गरीब हो के भी इमान नाही बेचता.
लानत है हर उस इन्सान पे जो,
देश का नाम मिट्टी मी मिलाता है.
स्वतंत्रता दिन की सबको हार्दिक शुभ कामना.
प्रसाद भ. कुलकर्णी
१५ अगस्त २०१०.