एहसास… A Realization…


बारिश की भूखी धरती से पूछो, 
उन पहिली बूँदों की क़ीमत क्या है, 

धूल से लतपत उन पत्तोंसे पूछो, 
बारिश में धुलने का मज़ा क्या है, 

हर उस छोटे बच्चे से पूछो, 
माँ की नज़र चुराके भीगने का मज़ा क्या है, 

मन में उठी उन हजार उमंगोंसे पूछो, 
प्रियतम संग भीगने का मज़ा क्या है, 

जाओ उन प्यासी निगाहो से पूछो, 
उसकी भीगी पलके देखने का मज़ा क्या है, 


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